कई मुस्लिम बहुल इलाकों को ठिकाना बनाने की मिल रही जानकारी।नई दिल्ली/ (एजेंसियां)। भारत का पड़ोसी देश नेपाल केवल पड़ोसी ही नहीं भारत का एक विश्वसनीय मित्र देश भी है । दोनों देशों के बीच रोटी और बेटी का सम्बन्ध सदियों से होता चला आ रहा है। यही नहीं दोनों के बीच एकदम खुली सीमा भी है और बेरोकटोक लोगों का आवागमन होता रहता है। इसी का फायदा उठाने के फिराक में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन हमेशा लगे रहते हैं। इसी कड़ी में नेपाली राष्ट्रपति के सलाहकार को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में मौजूद हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकी सरगना नेपाल के रास्ते भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश में लगे रहते हैं। हाफिज सईद का संगठन लश्कर ए तैयबा और मसूद अजहर का जैश ए मोहम्मद पाकिस्तान-भारत की सीमा को पार करने के बजाए अपने आतंकियों को अब नेपाल के रास्ते से भारत में घुसाने की कोशिश कर रहा है। नेपाली राष्ट्रपति के सलाहकार द्वारा दी गई इस जानकारी के बाद भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के जवानों और खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। नेपाल में मुस्लिमों की जनसंख्या उन सात जिलों में ज्यादा है, जो यूपी और बिहार के बार्डर से सटे हुए हैं। इन जगहों पर आईएसआई के स्लीपर सेल की मौजूदगी बताया जा रहा है। इन्हीं स्लीपर सेल के सहारे आतंकी भारत में घुसने की फिराक में चौबीसों घंटे लगे रहते हैं। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के सलाहकार सुनील बहादुर थापा ने यह जानकारी भारत के साथ साझा करते हुए इस्लामिक आतंकवाद को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है। उन्होंने पिछले दिनों काठमांडू में नेपाल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड एंगेजमेंट की ओर से आयोजित सेमिनार में भी यह बात कहा था और इसके प्रति आगाह भी किया था।भारत और नेपाल के बीच करीब 1750 किलोमीटर लंबी और खुली सीमा रेखा है। यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में चौकसी काफी कम होती है। कच्ची सड़कें और पगडंडी रास्तों के जरिए इन क्षेत्रों से आतंकवादी अपनी पहचान छिपा कर आसानी से घुसपैठ करने में कामयाब हो जाते है। जम्मू कश्मीर में आतंकियों की एंट्री पर कड़ा पहरा होने के बाद आतंकी दूसरे दरवाजे की तलाश कर रहे हैं, इसलिए हाल के वर्षों में नेपाल में आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं। नेपाल से भारत के बीच आने-जाने के लिए सड़क मार्ग आसान है। भारत और नेपाल के बीच मित्रता होने के कारण यहां वीजा और पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती है इसीलिए प्रति दिन हजारों लोग सीमा पार कर इधर से उधर आवागमन करते रहते हैं। नेपाल में हिंदू बहुसंख्यक देश हैं। दूसरे नंबर पर बौद्धों की जनसंख्या है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहां मुस्लिमों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है, खास कर भारत-नेपाल सीमा से सटे तराई क्षेत्रों में मुस्लिमों की जनसंख्या काफी बढ़ गयी है ।2021 की जनगणना के मुताबिक नेपाल में मुस्लिमों की जनसंख्या लगभग 4.27 फीसदी थी । लेकिन अब संख्या और भी बढ़ गई है। भारत नेपाल सीमा क्षेत्र में यह लोग सबसे ज़्यादा रहते हैं जो यूपी-बिहार से सटे हुए हैं। इन जगहों में आईएसआई के स्लीपर सेल की मौजूदगी है। इनका इस्तेमाल भारत-नेपाल सीमा की जानकारी लेने और आतंकियों की घुसपैठ के लिए किया जा रहा है।
पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ कर रहे आतंकवादी।
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