
नेपाल के हालात को देखते हुए सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था हुई सख्त

(बलरामपुर)-पड़ोसी देश नेपाल में बिगड़े हालात को देखते हुए बलरामपुर जनपद में सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दिया गया है। आपको बता दें कि बलरामपुर जनपद में करीब 87 किलोमीटर सीमा नेपाल से लगी हुई है। जो अधिकतर खेतों पगडंडियों से लेकर घनघोर जंगल से होते हुए पहाड़ों की तलहटी तक फैला हुआ है। जिससे सीमा की सुरक्षा करना हमारे सुरक्षा बलों के लिए हमेशा लोहे के चने चबाना जैसा ही रहता है। क्यों कि भारत और नेपाल के बीच बिल्कुल खुली सीमा है। वह इसलिए कि नेपाल हमारा पड़ोसी देश ही नहीं बल्कि मित्रवत सम्बन्ध भी है। यही नहीं भारत और नेपाल की जनता के बीच रोटी बेटी का सम्बन्ध भी बड़े पैमाने पर स्थापित है और आगे भी होता रहता है। नेपाली जनता को वहां मुख्य रूप से दो शब्दों में विभाजित कर सम्बोधित किया जाता है। एक देशी तथा दूसरा मधेशी। जिन्हें मधेशी कहा जाता है वह मूल रूप से भारतीय भाषाओं का ही प्रयोग करते हैं। जिनकी संख्या नेपाल में काफी है। इसलिए रोटी बेटी रिश्ते के साथ बोली भाषा भी एक जैसी होती है।

इससे बिना कोई डाक्यूमेंट देखें सीमा पर पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इन्हीं सब का फायदा अपराधी प्रवृत्ति के लोग मौके बे मौके पर उठाने से नहीं चूकते। Gen-Z के लोगों द्वारा जिस तरह से नेपाल में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सहित तमाम वर्तमान और पूर्व मंत्रियों के घरों ,संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, आदि को जलाकर वहां के सरकार को घुटनों पर लाते हुए इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया ऐसा पहले कभी नेपाल के इतिहास में नहीं मिलता है। यही नहीं इस मौके का फायदा उठाने में नेपाल के अपराधी भी पीछे नहीं रहे। नेपाल की जेलों से करीब 14 हजार कैदी जेल तोड़कर फरार हो चुके हैं जो भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा पैदा हो गया है। अब तक विभिन्न क्षेत्रों से भारतीय सीमा में घुसने वाले करीब 35 नेपाली कैदियों को भारतीय सीमा पर मुस्तैद सुरक्षा बलों ने दबोच लिया है। इसी कारण बलरामपुर में भी नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में एसएसबी, पुलिस और पीएसी जवानों को तैनात कर सुरक्षा व्यवस्था को बेहद सख्त कर दिया गया है। ताकि कोई भी परिंदा हमारे देश की सीमा में पर भी न मार सके। इस पर बलरामपुर के एसपी विकास कुमार ने क्या कुछ कहा वह भी आपको सुनवाते हैं।




