
मंडलेश्वर / राष्ट्रीय जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकिशोर सांखला ने मंडलेश्वर चेप्टर में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संगठन 40 वर्षों से सक्रिय होकर जैन समाज में समाज उत्थान और राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहा है।आपने कहा कि समय के साथ साथ समस्याएं और मुद्दे भी बदल रहे है।हर समस्या का समाधान करना भी किसी एक संगठन के बस में नहीं है।समस्याएं बहुत है इसलिए साथ मिलकर ही किसी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।नई टेक्नोलॉजी के साथ नई समस्या भी आती है।आज मोबाइल का उपयोग जरूरी हो गया है।मोबाइल कम उम्र के बच्चो को देकर हम उनका भविष्य खराब कर रहे है।आज एक दो साल के बच्चे जब रोते है तो उन्हें मोबाइल से दिया जाता है जो उसकी आदत बन जाता है मोबाइल उसका जीवन बदल देता है उसमें संस्कार नहीं आते है।आज हमारे सामने सबसे बड़ी चिंता है बेटी घर से गई है तो कब लौटेगी..? सिर्फ चिंता करने से कुछ नहीं हो सकता बेटी में आत्मविश्वास भरना होगा, बेटी के साथी कैसे है वह क्या करती है यह जानना जरूरी है।लेकिन आज हमारे पास बच्चों के लिए समय नहीं है पिता व्यापार में व्यस्त है माता किटी पार्टियों में तो बच्चों को संस्कार अपनत्व प्यार नहीं मिलता है फिर वे वह सब बाहर ढूंढता है।हमारा संगठन नारी सशक्तिकरण के लिए 2 दिन का वर्कशॉप भी आयोजित करता है जिसे स्मार्ट गर्ल प्रोजेक्ट कहा जाता है इसमें हम बालिकाओं के साथ उनके माता पिता को भी प्रशिक्षण देते है।कार्यक्रम का शुभारंभ महावीर स्वामी के चित्र पर अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। अतिथियों का स्वागत जैन समाज संगठना के मंडलेश्वर चैप्टर के जितेन्द्र जैन सचिव नयन जैन उपाध्यक्ष शुभम् जैन द्वारा तिलक लगाकर किया गया।श्रीमती रूपाली जैन एवं सुप्रिया जैन ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया।अतिथि परिचय इंदौर सम्भाग अध्यक्ष धर्मेन्द्र जैन ने दिया।विशेष अतिथियों राष्ट्रीय महासचिव डॉ पंकज चोपड़ा रायपुर ,राष्ट्रीय सचिव दीपक चोपड़ा नासिक श्रीमती साशा जैन राज्य अध्यक्ष उज्जैन ,राज्य महासचिव संदीप जटाले इंदौर, कल्पना सुराणा संभागीय अध्यक्ष उज्जैन एवं मीता जैन रीजनल अध्यक्ष ने भी संबोधित किया। दिगम्बर जैन समाज नगर अध्यक्ष समीर जैन और श्वेतांबर जैन समाज नगर अध्यक्ष नवीन चंद जैन भी अतिथियों के साथ मंच पर थे।उन्होंने भी सभी अतिथियों का स्वागत किया ।कार्यक्रम का संचालन नवीन जैन पालसूद ने किया आभार सचिव नयन जैन ने माना।